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मेरी अधूरी मोहब्बत शायरी 

Floral Frame

बिखरा वज़ूद टूटे ख़्वाब सुलगती तन्हाईयाँ, कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत।

वो जिन्हें मिलना नहीं होता, वो फिर मिलते ही क्यों हैं

अब दो हिस्सों में बंट गए मेरे सारे अरमान, कुछ तुझे पाने निकले, और कुछ मुझे समझाने।

दुआ करो उनको मोहब्बत मिल जाए क्योंकि अधूरी मोहब्बत बहुत रुलाती है।

मत पूछ कैसी गुजर रही ज़िन्दगी, उस दौर से गुजर रहा जो दौर गुजरता ही नही

रोज़ ये रंज की तु मेरा ना हो सका, रोज़ ये मलाल कि कोई और तुझे छूता होगा।

सच कहा था किसी ने, अकेला जीना सीख लो मोहब्बत कितनी भी सच्ची क्यों न हो धोखा दे जाती है

ज़िंदगी में मोहब्बत का पौधा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती

तुम्हारा दिया हुआ इंतजार तुम्हें सौप जाएंगे, हम चले जाएंगे तुम्हें इंतजार में छोड़कर..

दुआ है कि तुझे हर कोई प्यार करे पर बद्दुआ ये भी है कि कोई मेरी तरह ना करे