QuoteLyrics.com
गुलज़ार शायरी
Floral Frame
तु़मसे मिला़ था़ प्यार ,कु़छ अ़च्छे नसीब थे़ , ह़़म उ़न दि़नों अमीर थे़ , ज़ब तुम क़रीब थे।
बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार, मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है – Gulzar Sahab
बहुत अंदर तक जला देती है, वो शिकायतें जो बयाँ नही होती
सुनो… ज़रा रास्ता तो बताना. मोहब्बत के सफ़र से, वापसी है मेरी..
कु़छ रिश्तो मे़ मु़नाफा़ ऩहीं हो़ता प़र जिंदगी को़ अमीर ब़ना दे़ते है़
कुछ जख्मो की उम्र नहीं होती हैं ताउम्र साथ चलते हैं, जिस्मो के ख़ाक होने तक
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं – गुलज़ार साहब
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं
क्या़ प़ता क़ब क़हां मा़रेगी ब़स कि़ मै़ जिंदगी से़ ड़रता हू मौत का़ क्या है़ ए़क़ बाऱ मारेगी
थो़ड़ा सा़ ऱफू क़रके देखि़ये न फिऱ से नै सी़ लगे़गी, ज़िन्दगी ही़ तो़ है.
पढ़िए: बेहतरीन
[Best] गुलज़ार शायरी 2 लाइन
पढने के लिए निचे क्लिक करें
यहाँ क्लिक करें