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सुप्रभात शायरी

Floral Frame

फिर सुबह एक नई रोशन हुई, फिर उम्मीदें नींद से झांकती मिली, वक़्त का पंछी घरोंदे से उड़ा, अब कहाँ ले जाए तूफाँ क्या पता। सुप्रभात!

सपनो के जहाँ से अब लौट आओ, हुई है सुबह अब जाग जाओ, चांद–तारों को अब कह कर अलविदा, इस नए दिन की खुशियों मे खो जाओ। – शुभ प्रभात

जिंदगी की हर सुबह कुछ शर्तें लेकर आती है, और जिंदगी की हर शाम, कुछ तजुर्बे देकर जाती है!! सुप्रभात!

जिसकी सुबह अच्छी, उसका दिन अच्छा; जिसकी शाम अच्छी, उसकी रात अच्छी; जिसका दोस्त अच्छा, उसकी पूरी जिंदगी अच्छी। सुप्रभात!

ऐ सुबह तुम जब भी आना, सबके लिए खुशियां लाना, हर चेहरे पर हंसी सजाना, हर आँगन में फूल खिलाना। – सुप्रभात

वादियों से सूरज निकल आया है, फिजाओं में नया रंग छाया है, खामोश क्यों हो अब तो मुस्कुराओ, आपकी मुस्कान देखने नया सवेरा आया है। सुप्रभात!

जिंदगी में अच्छे लोगों की तलाश ना करो खुद अच्छे बन जाओ शायद आपसे मिलकर किसी की तलाश पूरी हो जाए। सुप्रभात!

ताज़ी हवा में फूलों की महक हो, पहली किरण में चिडियों की चहक हो! जब भी खोलो तुम अपनी पलकें, उन पलकों में बस खुशियों की झलक हो!!

काश कोई ऐसा भी सवेरा मेरी जिन्दगी में आये मेरी आँखे नींद से खुलते ही आपका दीदार हो जाये।

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