रातों का मंज़र अज़ीब लगता है
रातों का मंज़र अज़ीब लगता है……साया तेरी यादों का करीब लगता है, लहरें आकर वापिस हो जाती है,वो साहिल तन्हा अज़ीब लगता है. उसको यादों की कीमत का पता है,तभी तो वो दिल का मरीज़ लगता है. वो सनम मायूस है तो क्या हुआ,फिर भी वो मेरा हबीब लगता है… — Raaton Ka Manzar Azeeb …