इतनी ठोकरें देने के लिए शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी, चलने का न सही सँभलने का हुनर तो आ गया।
शुक्रिया जिंदगी तूने वो सिखाया जो किताबों के बस का नही था।।
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी पर चुप इसलिये हूँ कि जो दिया तूने वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता. शुक्रिया जिंदगी!!
शुक्रिया जिंदगी तूने जितना दिया, बहुत दिया…
सबक तो तूने बहुत सिखायें ऐ जिंदगी, मगर शुक्रिया तेरा, तूने किसी का दिल तोड़ना नहीं सिखाया।
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पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।
बुरे लोगों से मिलाने के लिए शुक्रिया ऐ जिंदगी, तूने यह सिखाया की मुझे उनके जैसा नही बनना
कई बार टूटा,कई बार बिखरा, शुक्रिया जिंदगी तूने हर बार सम्हाला…
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कहने को तो साथी बहुत हैं ऐ जिंदगी, पर मौत तक हर पल तू ही साथ निभाएगा.
ज़िंदगी चल तेरा शुक्रिया शायद मिले ना तू कल की सुबह जो दिया हम ने हंस के लिया ऐ ज़िन्दगी तेरा चल शुक्रिया
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