संग रहते-रहते यूँ ही वक़्त निकल जायेगा,
तन्हाइयों में होने के बाद कौन कब याद आयेगा
जी लो इस पल को जब हम-तुम साथ हैं यारों
कल का क्या पता वक़्त कहाँ ले कर के जायेगा।
तुझे टूटा हुआ देख ऐ दोस्त अक्सर मैं खुद भी टूट जाता हूँ,इसलिए तुझे जब भी में समझाता हूँ इसके बाद में खुद भी अकेले मैं रोने बैठ जाता हूँ|
बीत जाते है दिन यादें सुहानी बनकर,रह जाती है ज़िन्दगी बस एक कहानी बनकर,पर दिल में दोस्ती तो हमेशा रहेगी,कभी तड़प कर तो कभी आँखों का पानी बनकर.