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बारिश में दर्द भरी याद शायरी
Floral Frame
बारिश में चलने से एक बात याद आती है फिसलने के डर से वो मेरा हाथ थाम लेता था
आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना, वो तेरा छत पे रहना और मेरा सडको पे मंडराना
कहाँ पूरी होती है दिल की सारी ख्वाइशें- कि बारिश भी हो , यार भी हो … और पास भी
ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए
काश कोई इस तरह भी वाक़िफ़ हो मेरी ज़िन्दगी से के मैं बारिश मे भी रोऊ और वो मेरे आंसू पढ़ ले
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता ह
ूँ घर से आजकल वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है
बारिशों के मौसम में तुम को याद करने की आदतें पुरानी हैं अब की बार सोचा है आदतें बदल डालें फिर ख्याल आया के आदतें बदलने से बारिशें नहीं रूकती
मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है. मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ.
बादलों से कह दो ज़रा सोच समझ कर बरसे अगर मुझे उनकी याद आ गयी तो मुकाबला बराबरी का होगा
पढ़िए: बेहतरीन
बारिश शायरी 2 लाइन
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