बारिश शायरी 2 लाइन – Barish Shayari in Hindi

जब भी बारिश होती है मौसम बदल जाता है। कुछ लोगों के लिए यह मौसम खुशनुमा होता है तो किसी के लिए यह यादों का मौसम है। कोई बारिश का आनंद लेता है तो कोई अपने बिछड़े हुए को याद करता है। बरसात हमारे दिलों से जुड़ा हुआ है और जहां दिल की बात आती है तो वहां शायरी जरूर होती है। आज हम बरसात पर शायरी, बारिश पर शायरी लेकर आए है जो आपको पसंद जरूर आएंगे।

बारिश शायरी 2 लाइन 

barish shayari in hindi

पहले बारिश होती थी तो तुम याद आते थे ,
अब तुम याद आते हो तो बारिश होती है 

पहली बारिश का नशा ही, कुछ अलग होता है, 

पलको को छूते ही, सीधा दिल पे असर होता है।

कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना,
मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी।

बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है,
के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है।

जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।

ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे
आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए

मेरे घर की मुफलिसी को देख कर
बदनसीबी सर पटकती रह गई

और एक दिन की मुख़्तसर बारिश के बाद
छत कई दिन तक टपकती रही रह गई.

ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं
तू ने मुझ को खो दिया पर मैं ने तुझे खोया नहीं.

बारिशों के मौसम में तुम को याद करने की आदतें पुरानी हैं 
अब की बार सोचा है आदतें बदल डालें 
फिर ख्याल आया के आदतें बदलने से बारिशें नहीं रूकती 

बालकनी से बाहर आकर कर देखो ए-हसीना..
मौसम तुम से मेरे दिल की बात कहने आया है

सहमी हुई है झोपडी बारिश के ख़ौफ से 
महलो की आरज़ू है के बरसात तेज़ हो

Barish Shayari in Hindi

barish shayari 2 line

काश कोई इस तरह भी वाक़िफ़ हो मेरी ज़िन्दगी से
के मैं बारिश मे भी रोऊ और वो मेरे आंसू पढ़ ले

गुल तेरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों में
जल रहा हूँ भरी बरसात की बौछारो में.

बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी
जब भी मिलती हैं नयी सी लगती हैं

भीगी मौसम की भीगी सी रात, भीगी सी याद भुली हुई बात, 

भुला हुआ वक्त वो भीगी सी आँखें, वो बीता हुआ साथ, 

मुबारक हो आपको साल की पहली बरसात।

मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए, 

प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए।

कभी बेपहां बरसी कभी ग़ुम सी है 

ये बारिश भी कुछ -कुछ तुम सी है

Barish Quotes, Status in Hindi

अब कौन घटाओं को, घुमड़ने से रोक पायेगा,
ज़ुल्फ़ जो खुल गयी तेरी, लगता है सावन आयेगा.

एक रात हुई बरसात बहुत
मैं रोया सारी रात बहुत
हर गम था जमाने का लेकिन
मैं तन्हा था उस रात बहुत
फिर आँख से एक सावन बरसा
जब सहर हुई तो ख्याल आया
वो बादल कितना तन्हा था
जो बरसा सारी रात बहुत

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल 

वरना शौक तो आज भी है  बारिशो में भीगने का

एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है, 

एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।

याद भरी बारिश शायरी

बारिश में चलने से एक बात याद आती है 
फिसलने के डर से वो मेरा हाथ थाम लेता था 

पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसे
लो अब गिन लो बारिश की ये बूँदें 

ऐ बारिश जरा थम के बरस
जब वो आ जाये तो जम के बरस
पहले न बरस के वो आ न सके
फिर इतना बरस के वो जा न सके

वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है

बादलों से कह दो ज़रा सोच समझ कर बरसे 
अगर मुझे उनकी याद आ गयी
तो मुकाबला बराबरी का होगा 

कुछ तो चाहत होगी इन बूंदो की भी 
वर्ना कौन छूता है इस ज़मीन को 

उस आस्मां से टूट कर 

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे, वो मजे से भीगते रहे बारिश में, 

जिनके जेब में नोट थे, वो छत तलाशते रह गए।

इन बादलों का मिज़ाज भी
मेरे महबूब जैसा है
कभी टूट के बरसता है
कभी बेरुखी से गुजर जाता है

आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना, 

वो तेरा छत पे रहना और मेरा सडको पे मंडराना

काफी अरसा बीत गया, जाने अब वो कैसा होगा
वक़्त की सारी कड़वी बातें, चुप चाप सहता होगा 
अब भी बारिश में वो, बन के छतरी चलता होगा
मुझसे बिछड़े अरसा बीता, अब वो किस से लड़ता होगा 
अच्छा था जो साथ ही रहती, बाद में उस ने सोचा होगा
अपने दिल की सारी बातें खुद से खुद ही करता होगा

कितनी जल्दी  ज़िन्दगी गुज़र जाती है 

प्यास बुझती नहीं बरसात चली जाती है
तेरी याद कुछ इस तरह आती है
नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है 

मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है.
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ.

कभी जी भर के बरसना
कभी बूंद बूंद के लिए तरसाना 

ए बारिश तेरी आदतें
मेरे यार जैसी हैं

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