तेरी डोली उठी मेरी मैय्यत :Sad Shayri in Hindi
फूल तुझ पर भी बरसे, फूल मुझ पर भी बरसे;
तू सज गई,
मुझे भी सजाया गया;
तू भी घर को चली, मैं भी घर को चला;
फर्क सिर्फ इतना सा था,
गई, मुझे उठाया गया;
महफिल वहां भी थी, लोग यहां भी थे;
फर्क सिर्फ इतना सा था, उनका हंसना वहां
इनका रोना यहां;
काजी उधर भी था, मौलवी इधर भी था;
दो बोल तेरे पढ़े, दो बोल मेरे पढ़े;
तेरा निकाह पढ़ा
फर्क सिर्फ इतना सा था, तुझे अपनाया गया, मुझे दफनाया गया !
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