तुमसे ही क्यूँ प्यार कर बैठता हूँ ? Hindi Sad Shayri
हमेशा मेरे हिस्से ही क्यूँ आती है,याद वाली सड़कें.. जिन पर साथ चले थे हम कभी.बेतरह तनहा सा लगता है वो मोड़,जहाँ हम मिले थे कई बार,घर वालों से बेख़बर होकर. हमेशा मैं ही क्यूँ रह जाता हूँ अकेला,घर के कमरों में तुम्हें ढूंढते हुए,नासमझ उम्मीदों को झिड़की देता,दरवाजे की और एक टक देखता,इंतज़ार के …
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