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किसी के लिए कितना भी करो शायरी

Floral Frame

इस दुनिया में किसी के लिए कितना भी करो मगर वो आपका अपना नही होता है.

किसी के लिए कितना भी कर लो अंत में वो यही कहकर छोड़ देगा की आखिर तुमने मेरे लिए किया ही क्या है।

भूल जाते है लोग अक्सर उन्हे भी , जिसका हाथ थाम कर वे कभी चला करते थे ।

लोग उसी दिन तक तुमसे मिलने आएँगे जब तक तुम उनके काम आ रहे हो।

तुमसे क्या गलती हो गई थी ये सब याद रखते हैं पर तुमने उनके लिए क्या क्या किया सब भूल जाते हैं।

जिंदगी में धोखे ऐसे ही नहीं मिलते साहब इसके लिंए भी लोगों को भला करना पड़ता है

उम्मीदें तो थी की इक दिन वो हमें समझ पाएंगे पर अफ़सोस, शायद वो दिन कभी नही आयेंगे

अपना समझ कर क्या कुछ नही किया उनके लिए पर अब मैं ही उनके लिए पराया हो गया

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