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इंतज़ार शायरी दर्द भरी 

Floral Frame

ये आँखे दिनभर कुछ तलाशती रहती हैं, कोई तो है… जिस का इन्हे इंतजार है।

किसी रोज़ होगी रोशन मेरी भी ज़िंदगी, इंतज़ार सुबह का नहीं तेरे लौट आने का है।

इश्क़ में इंतज़ार की हद नहीं होती बस सुबह कहीं होती शाम कहीं होती

किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी, इंतज़ार तेरा…मुझे पूरा मरने भी नहीं देता।

दिल की उम्मीदों का… हौंसला तो देखो, इंतजार उसका जिसको अहसास तक नहीं।

मिली है किसी को बिन मांगे वो, हमें तो इबादत के बाद भी इंतज़ार ही मिला।

ज़िंदगी तो मौत के इंतज़ार में रहती है, फिर भी जाने क्यों ये किसी और को ढूंढती है।

उसकी जरूरत उसका इंतजार और अकेलापन, थक कर मुस्कुरा देता हूँ, मैं जब रो नहीं पाता

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