गीता के 121 अनमोल वचन जो आपकी ज़िन्दगी बदल सकते हैं। आज हम आपके लिए लायें हैं Quotes on Bhagavad Gita in Hindi. भगवद गीता के अनमोल विचार जो भगवान श्री कृष्ण ने दिए थे। निचे हमने गीता सार उपदेश दिए हैं जिनके बारे में हर किसी को पता होना चाहिए। Gita updesh quotes, Bhagavad Gita quotes on Karma in Hindi.
गीता के 121 अनमोल वचन
1: परिवर्तन संसार का नियम है समय के साथ संसार मे हर चीज परिवर्तन के नियम का पालन करती है।
2: सत्य कभी दावा नहीं करता कि मैं सत्य हूं लेकिन झूठ हमेशा दावा करता हैं कि सिर्फ मैं ही सत्य हूं।
3: नर्क के तीन द्वार हैं: वासना, क्रोध और लालच।
4: किसी का अच्छा ना कर सको तो बुरा भी मत करना क्योंकि दुनिया कमजोर है लेकिन दुनिया बनाने वाला नहीं..!
5: सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।
6: जो चीज़े हमारे दायरे से बाहर हो उसमें समय गंवाना मूर्खता ही होगी।
7: न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो, यह शरीर पंच तत्वों से बना है – आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश,एक दिन यह शरीर इन्ही पंच तत्वों में विलीन हो जाएगा।
8: जिंदगी में हम कितने सही हैं और कितने गलत हैं यह केवल दो लोग जानते हैं एक परमात्मा और दूसरी हमारी अंतरात्मा..!
9: परिवर्तन ही संसार का नियम है, एक पल में हम करोड़ों के मालिक हो जाते है और दुसरे पल ही हमें लगता है की हमारे पास कुछ भी नही है।
10: क्रोध से भ्रम पैदा होता है। भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
Quotes on Bhagavad Gita in Hindi
11: जैसे अंधेरे में प्रकाश की ज्योति जगमगाती है। ठीक उसी प्रकार से सत्य की चमक भी कभी फीकी नही पड़ती। इसलिए व्यक्ति को सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।
12: मनुष्य जिस रूप में ईश्वर को याद करता है, ईश्वर भी उसे उसी रूप में दर्शन देते हैं।
13: अपने आपको भगवान के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है, जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखो से आजाद रहता है।
14: इन्द्रियो की दुनिया मे कल्पना सुखो की प्रथम शुरुआत है और अन्त भी जो दुख को जन्म देता है।
15: मन की गतिविधियों, होश, श्वास और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है; और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है।
16: बुरे कर्म करने वाले, सबसे नीच व्यक्ति जो राक्षसी प्रवित्तियों से जुड़े हुए हैं, और जिनकी बुद्धि माया ने हर ली है वो मेरी पूजा या मुझे पाने का प्रयास नहीं करते।
17: बुद्धिमान को अपनी चेतना को एकजुट करना चाहिए और फल के लिए इच्छा छोड़ देनी चाहिए ।
18: सज्जन व्यक्तियों को सदैव अच्छा व्यवहार करना चाहिए। क्योंकि इन्हीं के पद चिन्हों पर सामान्य व्यक्ति अपने रास्ते चुनता है।
19: निर्माण केवल पहले से मौजूद चीजों का प्रक्षेपण है।
20: अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।
Bhagavad Gita Quotes in Hindi on Karma
21: इस सम्पूर्ण संसार में कोई भी व्यक्ति महान नही जन्मा होता है। बल्कि उसके कर्म उसे महान बनाते हैं।
22: गीता में कहा गया है कोई भी अपने कर्म से भाग नहीं सकता कर्म का फल तो भुगतना ही पड़ता है।
23: अपने कर्म का पालन करो, क्योंकि वास्तव में कर्म, अकर्म से बेहतर है
24: सही कर्म वह नहीं है जिसके परिणाम हमेशा सही हो अपितु सही कर्म वह है जिसका उद्देश्य कभी गलत ना हो।
25: इंसान हमेशा अपने भाग्य को कोसता है यह जानते हुए भी कि भाग्य से भी ऊंचा उसका कर्म है जिसके स्वयं के हाथों में है।
26: बिना फल की कामना से किया गया कार्य ही सच्चा कर्म है ईश्वर चरण में हो समर्पण वही केवल धर्म है।
27: ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है।
28: ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।
29: अप्राकृतिक कर्म बहुत तनाव पैदा करता है।
30: किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।
31: अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो तुम अपना कर्म करते रहो।
32: कर्म उसे नहीं बांधता जिसने काम का त्याग कर दिया है।
Gita Quotes on Death in Hindi
33: जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।
34: आत्मा किसी काल में भी न जन्मता है और न मरता है और न यह एक बार होकर फिर अभावरूप होने वाला है। आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत और पुरातन है, शरीर के नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता।
35: जैसे मनुष्य जीर्ण वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नये वस्त्रों को धारण करता है वैसे ही देही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्याग कर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होता है।
36: जो आत्मा को मारने वाला समझता है और जो इसको मरा समझता है वे दोनों ही नहीं जानते हैं, क्योंकि यह आत्मा न मरता है और न मारा जाता है।
37: वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है। इसमें कोई शंशय नहीं है।
38: लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे। सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर है।
39: वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं।
40: मैं ऊष्मा देता हूँ, मैं वर्षा करता हूँ और रोकता भी हूँ, मैं अमरत्व भी हूँ और मृत्यु भी।
भगवद गीता कोट्स इन हिंदी
41: व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।
42: जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं, तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।
43: याद रखना अगर बुरे लोग सिर्फ समझाने से समझ जाते तो बांसुरी बजाने वाला भी कभी महाभारत होने नहीं देता।
44: जो बीत गया उस पर दुख क्यों करना, जो है उस पर अहंकार क्यों करना, और जो आने वाला है उसका मोह क्यों करना
45: हमारी व्यर्थ की चिंता और मन का भय एक ऐसा रोग होता है, जिससे हमारी आत्मीय शक्ति बिखर जाती है
46: हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।
47: जो इंसान किसी की कमी को पूरी करता है वो सही अर्थों में महान होता है..!
48: जो हुआ वह अच्छे के लिए हुआ है जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए ही हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा !!
49: हे पार्थ! मैंने और तुमने अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए धरती पर कई अवतार लिए हैं। लेकिन मुझे याद है और तुम्हें नहीं।
50: मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय। किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।
भगवत गीता के अनमोल वचन
51: मनुष्य अपने हृदय से जो दान कर सकता है वो अपने हाथों से नहीं कर सकता और मौन रहकर जो कुछ वो कह सकता है वो शब्दों से नहीं कह सकता
52: प्रत्येक बुद्धिमान व्यक्ति को क्रोध और लोभ त्याग देना चाहिए क्योंकि इससे आत्मा का पतन होता है।
53: मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं और जो मुझसे प्रेम करते हैं।
54: मैं सभी प्राणियों को सामान रूप से देखता हूँ; ना कोई मुझे कम प्रिय है ना अधिक। लेकिन जो मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूँ।
55: सब धर्मों का परित्याग करके तुम एक मेरी ही शरण में आओ, मैं तुम्हें समस्त पापों से मुक्त कर दूँगा, तुम शोक मत करो।
56: प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं करता।
57: मेरी कृपा से कोई सभी कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए भी बस मेरी शरण में आकर अनंत अविनाशी निवास को प्राप्त करता है।
58: हे अर्जुन, केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं जो स्वर्ग के द्वार के सामान है।
59: भगवान प्रत्येक वस्तु में है और सबके ऊपर भी।
60: मुक्ति का मुख्य द्वार केवल भगवद् भक्ति ही है जिसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।
61: ईश्वर ने हमें जो कुछ भी दिया है वही हमारे लिए पर्याप्त है और यही एक अटल सत्य भी है
62: संयम , सदाचार , स्नेह एंव सेवा ये गुण सत्संग के बिना नही आते.
63: बुद्धिमान व्यक्ति कामुक सुख में आनंद नहीं लेता।
Bhagavad Gita Quotes on Peace in Hindi
64: वह व्यक्ति जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और ‘मैं’ और ‘मेरा’ की लालसा और भावनाओं से मुक्त हो जाता है, उसे अपार शांति की प्राप्ति होती है।
65: जो व्यक्ति आध्यात्मिक जागरूकता के शिखर तक पहुँच चुके हैं, उनका मार्ग है निःस्वार्थ कर्म। जो भगवान् के साथ संयोजित हो चुके हैं उनका मार्ग है स्थिरता और शांति।
66: जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
67: मन अवश्य ही चंचल होता है लेकिन उसे अभ्यास और वैराग्य के माध्यम से वश में लाया जा सकता है।
68: जो लोग परमात्मा को पाना चाहते है, वह ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं।
69: जो कार्य में निष्क्रियता और निष्क्रियता में कार्य देखता है वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है।
70: मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ। मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।
71: तुम उसके लिए शोक करते हो जो शोक करने के योग्य नहीं हैं, और फिर भी ज्ञान की बाते करते हो। बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करते हैं।
72: कभी ऐसा समय नहीं था जब मैं, तुम, या ये राजा-महाराजा अस्तित्व में नहीं थे, ना ही भविष्य में कभी ऐसा होगा कि हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाये।
गीता सार अनमोल वचन
73: हे अर्जुन! हम दोनों ने कई जन्म लिए हैं। मुझे याद हैं, लेकिन तुम्हे नहीं।
74: हे अर्जुन!, वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है, वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है।
75: अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।
76: कर्म योग वास्तव में एक परम रहस्य है।
77: जो मनुष्य अपने मन को नियंत्रित नहीं कर पाता, उसका मन उसके लिए शत्रु के समान कार्य करता है
78: आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो। अनुशाषित रहो। उठो।
79: माफ करना और शांत रहना सीखिए ऐसी ताकत बन जाओगे कि पहाड़ भी रास्ता देंगे।
80: ईश्वर की शक्ति मनुष्य के होश, भावनाएं और मन की गतिविधियों के माध्यम से सदा उसके साथ रहती हैं
81: बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।
82: आपके सार्वलौकिक रूप का मुझे न प्रारंभ न मध्य न अंत दिखाई दे रहा है।
83: “मैं अपने कर्मों से बंधा हुआ नहीं हूं क्योंकि मुझे मेरे द्वारा किए गए कर्मों के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं है”
84: यद्द्यापी मैं इस तंत्र का रचयिता हूँ, लेकिन सभी को यह ज्ञात होना चाहिए कि मैं कुछ नहीं करता और मैं अनंत हूँ।
श्रीमद भगवद गीता के अनमोल वचन
85: जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।
86: जब तक शरीर है तब तक कमजोरियां तो रहेगी ही इसलिए कमजोरियों की चिंता छोड़ो और जो सही कर्म है उस पर अपना ध्यान लगाओ..!
87: जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तब इंसान के बात करने का तरीका बदल जाता है।
88: “ईश्वर से किए गए प्रार्थना से इंसान की परिस्थिति या तकदीर बदले या ना बदले पर उस प्रार्थना से इंसान के चरित्र में जरूर बदलाव आता है”
89: वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं” और “मेरा” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांती प्राप्त होती है।
Life Bhagavad Gita Quotes in Hindi
90: इंसान को जीवन में अपने इच्छाओं के अनुरूप जीने के लिए जुनून की आवश्यकता होती है, वरना हर इंसान की परिस्थितियां तो हमेशा विपरीत ही होती है
91: इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है।
92: जीवन न तो भविष्य में है, न अतीत में है, जीवन तो बस इस पल में है।
93: जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं वे देवताओं का पूजन करें।
94: जिस मनुष्य के अंदर ज्ञान की कमी और ईश्वर में श्रद्धा नहीं होती, वो मनुष्य जीवन में कभी भी आनंद और सफलता को प्राप्त नहीं कर पाता
95: इस संसार में हम खाली हाथ आए थे और खाली हाथ ही जाएंगे, जो आज हमारा है वह कल किसी और का होगा, इसलिए हम अपने जीवन में जो भी करते हैं उसे पूरी श्रद्धा के साथ अपने इष्ट देव को अर्पण कर देना चाहिए
96: हे अर्जुन ! तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा, क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।
97: जो कोई भी जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ।
98: हे अर्जुन!, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता।
99: स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
100: जब इंसान अपने काम में आनंद खोज
101: ज्यादा खुश होने पर और ज्यादा दुखी होने पर निर्णय नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह दोनों परिस्थितियां आपको सही निर्णय नहीं लेने देती हैं।
Gita Motivational Quotes in Hindi
102: मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।
103: उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा। जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।
104: जो व्यवहार आपको दूसरो से पसन्द ना हो ऐसा व्यवहार आप दूसरो के साथ भी ना करे।
105: केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है।
106: जिस मनुष्य के पास सब्र की ताकत है उस मनुष्य की ताकत का कोई मुकाबला नहीं कर सकता।
107: मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ।
108: मेरा, तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।
109: किसी भी व्यक्ति को ना तो समय से पहले और ना ही भाग्य से अधिक कुछ मिलता है। लेकिन उसे सदैव पाने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।
110: इतिहास कहता है कि कल सुख था, विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा, लेकिन धर्म कहता है, अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा।
111: मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना लोभ- लालच और निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
112: मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है, इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए।
113: लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे, सम्मानित व्यक्ति के लिए अपमान मृत्यु से भी बदतर है
114: ऐसा कुछ भी नहीं, चेतन या अचेतन, जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो।
115: मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
116: चुप रहने से बड़ा कोई जवाब नहीं और माफ कर देने से बड़ी कोई सजा नहीं।
117:मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।
118: प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं।
119: जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा, तो उसका विनाश कर पुन: धर्म की स्थापना करने हेतु, में अवश्य अवतार लेता रहूंगा
120: जिस प्रकार से प्राकृतिक मौसम में बदलाव आता है। ठीक उसी प्रकार से, जीवन में भी सुख दुख आता रहता है। वह कभी स्थाई नहीं रहते हैं।
121: मनुष्य इस प्रथ्वी पर, ज्ञान प्राप्त करने के लिए ही आया है, जो ज्ञान प्राप्त नहीं कर रहा है, वह मृत के समान है
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