भगवान शिव की पूजा में शिव चालीसा का विशेष महत्व है। हमें प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करना चाहिए खासतौर पर सोमवार, सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय शिव चालीसा का पाठ विशेष फलदायी होता है। निचे हमने शिव चालीसा लिरिक्स हिंदी और अंग्रेजी (Shri Shiv Chalisa Lyrics in Hindi, English) में दिया है जिसका उपयोग आप भगवन शिव की पूजा के समय कर सकते हैं।
शिव चालीसा लिरिक्स – Shri Shiv Chalisa Lyrics in Hindi
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ 1 ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ 2 ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ 3 ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4 ॥
मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ 5 ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ 6 ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ 7 ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8 ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ 9 ॥
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ 10 ॥
तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ 11 ॥
आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12 ॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ 13 ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ 14 ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ 15 ॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16 ॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ 17 ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ 18 ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ 19 ॥
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20 ॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ 21 ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ 22 ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥ 23 ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24 ॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ 25 ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥ 26 ॥
मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥ 27 ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28 ॥
धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ 29 ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ 30 ॥
शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥ 31 ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32 ॥
नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ 33 ॥
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ 34 ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥ 35 ॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36 ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ 37 ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ 38 ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ 39 ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40 ॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥ 41 ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥
Shri Shiv Chalisha in English
|| Doha ||
Jai Ganesh Girija Suvan, Mangal Mool Sujaan |
Kehat Ayodhya-Daas Tum, Dehu Abhay Vardaan ||
|| Chaupaai ||
Jai Girijapati Deendayala |
Sada Karat Santan Pratipala || 1 ||
Bhaal Chandrama Sohat Neeke |
Kaanan Kundal Naag-Phani Ke || 2 ||
Ang Gaur Shir Gang Bahaye |
Mund-Maal Tan Kshar Lagaye || 3 ||
Vastra Khaal Baaghambar Sohe |
Chhavi Ko Dekhi Naag Muni Mohe || 4 ||
Maina Maatu Ki Havai Dulaari |
Baam Ang Sohat Chhavi Nyaari || 5 ||
Kar Trishul Sohat Chhavi Bhaari |
Karat Sada Shatrun Kshaya-Kaari || 6 ||
Nandi Ganesh Sohai Tahn Kaise |
Sagar Madhya Kamal Hain Jaise || 7 ||
Kartik Shyam Aur Gan-Raau |
Ya Chhavi Ko Kahi Jaat Na Kaau || 8 ||
Devan Jab Hi Jaay Pukara |
Tab Hi Dukh Prabhu Aap Niwara || 9 ||
Kiya Updrav Taarak Bhaari |
Devan Sab Mili Tum Hi Juhaari || 10 ||
Turat Shadanan Aap Pathaayu |
Lavnimesh Mahn Maari Giraayu || 11 ||
Aap Jalandhar Asur Sanhara |
Suyash Tumhar Vidit Sansara || 12 ||
Tripurasur San Yuddh Machayi |
Sab Hi Krupa Kar Leen Bachayi || 13 ||
Kiya Tap Hi Bhagirath Bhaari |
Purn Pratigya Tasu Puraari || 14 ||
Daanin Mahn Tum Sam Kou Naahi |
Sevak Stuti Karat Sada Hi || 15 ||
Ved Naam Mahima Tav Gaayi |
Akath Anaadi Bhed Nahi Paayi || 16 ||
Pragat Udadhi Manthan Mein Jwala |
Jarat Surasur Bhaye Vihala || 17 ||
Kinh Daya Tahn Kari Sahayi |
Neelkanth Tab Naam Kahayi || 18 ||
Poojan Ramchandra Jab Kinha |
Jeet Ke Lank Vibhishan Deenha || 19 ||
Sahas Kamal Mein Ho Rahe Dhaari |
Kinh Pareeksha Tab Hi Puraari || 20 ||
Ek Kamal Prabhu Raakheu Joyi |
Kamal Nayan Poojan Chahn Soyi || 21 ||
Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar |
Bhaye Prasann Diye Ichhit Var || 22 ||
Jai Jai Jai Anant Avinashi |
Karat Krupa Sab Ke Ghatvaasi || 23 ||
Dusht Sakal Neet Mohi Sataavai |
Bhramat Rahaun Mohi Chain Na Aavai || 24 ||
Traahi Traahi Main Naath Pukaro |
Yahi Avsar Mohi Aan Ubaaro || 25 ||
Lai Trishul Shatrun Ko Maaro |
Sankat Se Mohi Aan Ubaaro || 26 ||
Maatu Pita Bhrata Sab Hoyi |
Sankat Mein Puchhat Nahi Koyi || 27 ||
Swami Ek Hai Aas Tumhari |
Aay Harhu Mam Sankat Bhaari || 28 ||
Dhan Nirdhan Ko Det Sada Hin |
Jo Koi Jaanche So Phal Paahin || 29 ||
Astuti Kehi Vidhi Karaun Tumhari |
Kshama-Hu Naath Ab Chuk Hamari || 30 ||
Shankar Ho Sankat Ke Naashan |
Mangal Kaaran Vighn Vinashan || 31 ||
Yogee Yati Muni Dhyan Lagavai |
Narad Sharad Sheesh Nawavai || 32 ||
Namo Namo Jai Namon Shivay |
Sur Brahmadik Paar Na Paay || 33 ||
Jo Yah Paath Kare Man Layi |
Taan Par Hot Hai Shambhu Sahayi || 34 ||
Rniyaan Jo Koi Ho Adhikari |
Paath Kare So Pavan Haari || 35 ||
Putrahin Kar Ichha Koyi |
Nishchay Shiv Prasad Tehi Hoyi || 36 ||
Pandit Trayodashi Ko Laave |
Dhyan Purvak Hom Karave || 37 ||
Trayodashi Vrat Kare Hamesha |
Tan Nahi Taake Rahe Kalesha || 38 ||
Dhoop Deep Naivedya Chadhave |
Shankar Sammukh Paath Sunave || 39 ||
Janm Janm Ke Paap Nasave |
Antvaas Shivpur Mein Paave || 40 ||
Kehat Ayodhya Aas Tumhari |
Jaani Sakal Duhkh Harhu Hamari || 41 ||
|| Doha ||
Nitt Nem Kar Praatah Hi, Paath Karaun Chalisa |
Tum Meri Manokamna, Purn Karo Jagdish ||
Magsar Chhathi Hemant Rutu, Sanvat Chausath Jaan |
Stuti Chalisa Shivhi, Purn Kin Kalyan ||
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