Ek Nnha sa Deep: Diwali Shayri
एक नन्हा सा दीप। नाजुक सी बाती। उसका शीतल सौम्य उजास | झिलमिलाती रोशनियों के बीच इस कोमल दीप का सौन्दर्य बरबस ही मन मोह लेता है | कितना सात्विक, कितना धीर बेशुमार पटाखों के शोर में भी शांत भाव से मुस्कराता हुआ | टूट कर बिखर-बिखर जाती अनार की रोशन लड़ियों के बीच भी …