आज हम आपके लिए लाये हैं Zindagi shayari in Hindi और इस पोस्ट में जिंदगी पर शायरी दी गयी है। ज़िन्दगी भी बड़ी कमाल की चीज है हमें कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है, कभी गम देती है तो कभी खुशियाँ। अगर ज़िन्दगी संवर जाए तो जन्नत है नही तो बस एक तमाशा है। आइये ज़िन्दगी शायरी के इस पोस्ट में हम ज़िन्दगी के बारे में लिखी गयी कुछ शायरियां देखते हैं। आप इन्हें अपने status की तरह भी उपयोग कर सकते हैं और दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं।
Zindagi Shayari in Hindi
मेरी ज़िन्दगी का मकसद पूछते है लोग
सुनो बेवजह भी जीते हैं हम जैसे लोग
अनजान राहों पर चल रहा था,
ज़िंदगी से मुलाकात हो गई।
जूझती रही, बिखरती रही, टूटती रही,
कुछ इस तरह ज़िन्दगी निखरती रही।
ना जिंदगी की चाह है ना जिंदगी से अब कोई उम्मीद है
फिर भी जाने क्यों गुमशुदा रास्तों पर किसकी तलाश है
समंदर न सही पर एक नदी तो होनी चाहिए,
तेरे शहर में ज़िंदगी कहीं तो होनी चाहिए !
जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेकर
आती है, और जिन्दगी की हर शाम
कुछ तजुर्बे देकर जाती है.
कभी तो मुस्कुराकर मुझसे भी मिल
ए-जिंदगी शायद मुस्कुराहट मेरे होठों
पर भी अच्छी दिखे
बदनाम तो बहुत हूं मैं इस जमाने में,
तू बता तेरे सुनने में कौन सा किस्सा आया है।
ज़िदगी से क्या शिकायत करें हम
हमें तो मौत ने भी भुला दिया है…
मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर।
बिजी हो गया हूं
अपनी जिंदगी में तुझे भुलाने के लिए
लौट के ना आना फिर से मुझे मनाने के लिए
गुज़ार दी ये जिंदगी हमने दूसरों को
खुश करते करते, अब कुछ वक़्त
चाहिए खुद के साथ बिताने के लिए
जिंदगी शायरी
सिर्फ सांसे चलते रहने को ही ज़िन्दगी नही कहते
आँखों में कुछ ख़वाब और दिल में उम्मीदे होना जरूरी है
खवाहिश ऐ ज़िन्दगी बस इतनी सी है,
साथ तुम्हारा हो और जिन्दगी कभी खत्म न हो !
मंजिलें मुझे छोड़ गयी रास्तों ने संभाल लिया,
जिंदगी तेरी जरूरत नहीं मुझे हादसों ने पाल लिया।
जो पढ़ा है उसे जीना ही नहीं है मुमकिन,
ज़िंदगी को मैं किताबों से अलग रखता हूँ।
ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था
हमीं सो गए दास्तां कहते-कहते
– साकिब लखनवी
हजारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब,
इसी का नाम है ज़िन्दगी चलते रहिये जनाब।
अपने ही घर में मेहमान बन कर आना जाना हुआ,
जब से शहर में शुरू कमाना हुआ।
सब कुछ हासिल नहीं होता ज़िन्दगी में यहां
किसी का काश, तो किसी का अगर, छूट ही जाता है
खुश रहने से ही जिंदगी साकार है,
वरना यूं तो जिंदगी का हर पल बेकार है
नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।
जिन्दगी तू ही बता कैसे तुझसे प्यार करू !
तेरी हर एक सुबह मेरी उम्र कम कर देती है !
परवाह करने की आदत ने तो परेशां कर दिया,
गर बेपरवाह होते तो सुकून-ए-ज़िंदगी में होते।
मुझे ज़िंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों,
पर लोग कहते हैं यहाँ सादगी से कटती नहीं।
ऐ गम-ए-जिंदगी न हो नाराज,
मुझको आदत है मुस्कुराने की !
जिंदगी बहुत खूबसूरत है, जिंदगी से प्यार करो,
अगर हो रात तो, सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा जिसका तुझे इंतेज़ार है,
बस उस खुदा पर भरोसा और वक्त पर ऐतवार करो।
एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,
ये ज़िंदगी तो बस अदब में ही गुजर गई।
Zindagi Shayari Sad
ऐ ज़िन्दगी मुझे कुछ मुस्कुराहटें उधार दे दे !
अपने आ रहे है मिलने की रश्म निभानी है
रोक कर बैठा हूँ ज़िन्दगी को कि
तुम आओगी तो जीना शुरू कर देंगे
हर रोज एक नया फलसफा जिन्दगी का
पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया
मत सोच इतना ज़िन्दगी के बारे में,
जिसने ज़िन्दगी दी है,
उसने भी कुछ तो सोचा होगा !
जाने क्यूँ अधुरी-सी लगती है जिन्दगी !
जैसे खुद को किसी के पास भूल आये हो
फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की,
जैसे ये ज़िंदगी, ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है।
कल की बात क्यों करे अगर आज सुहाना है,
हसना है और हसाना है जिंदगी का यही फसाना है
ये ना पूछना जिन्दगी खुशी कब देती है,
क्योंकि शिकायतें उन्हे भी है जिन्हें जिन्दगी सब देती है।
इस ज़िन्दगी में परेशानियां हमे भी है साहब,
पर मुस्कराने में क्या जाता है
ज़िन्दगी में कभी कभी अपनों से हारना सीखो,
देख लेना जित जाओगे तुम…
इन हसरतों को इतना भी क़ैद में न रख ए-ज़िंदगी !
ये दिल भी थक चुका है इनकी ज़मानत कराते कराते !!
बहुत कुछ खो चुका हूँ ऐ जिंदगी तुझे सवारने की कोशिश में,
अब बस ये जो कुछ लोग मेरे है इन्हे मेरा ही रहने दे।
ज़िन्दगी में ऐसे लोग भी होते है
जिन्हें हम पा नही सकते सिर्फ चाह सकते है
चलो बिखरने देते है ज़िन्दगी को अब,
सँभालने की भी तो एक हद होती है।
कहती है मुझे जिंदगी कि मैं आदतें बदल लूँ,
बहुत चला मैं लोगों के पीछे, अब थोड़ा ख़ुद के साथ चल लूँ।
जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं,
हम नादान थे एक शाम की मुलाकात को ..जिंदगी समझ बैठे
ज़िंदगी चाहे एक दिन की हो या चार दिन की
उसे ऐसे जियो जैसे कि ज़िंदगी तुम्हें नहीं मिली, ज़िंदगी को तुम मिले हो
मेरी ज़िंदगी से खेलना तो हर एक की आदत बन गयी
काश खिलौना बन कर बिकते तो किसी एक के होते.
जिन्दगी जख्मो से भरी हैं, वक़्त को मरहम बनाना सिख लें
हारना तो है मोत के सामने, फ़िलहाल जिन्दगी से जीना सिख लें
कुछ लोग जिंदगी में सिर्फ एक ही बार आते हैं
उनके बाद, उनसे बेहतर फिर कोई नहीं मिलता
सबक वो हमको पढ़ाए हैं ज़िन्दगी ने कि हम,
हुआ था जो इल्म किताबों से वो भी भूल गए।
एक साँस सबके हिस्से से हर पल घट जाती है,
कोई जी लेता है जिंदगी किसी की कट जाती है।
हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।
Zindagi Sad Shayari
रखा करो नजदीकियां जिन्दगी का कुछ भरोसा नही
फिर मत कहना चले भी गऐ और बताया भी नही
जिन्दगी तेरे इश्क़ में कितनी दूर हम चल चुके,
कहीं सुकूं मिला नहीं, कितने शहर बदल चुके।
थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी,
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे।
दुआएँ जमा करने में लग जाओ साहब,
खबर पक्की है दौलत और शोहरत साथ नहीं जायेंगे।
आज कल सच कहो तो इंसान खफा होता है,
और झूठ कहो तो लफ़्ज़ों को दर्द होता है।
ज़िंदगी में सारा झगड़ा ही ख्वाहिशों का है,
ना तो किसी को गम चाहिए
और ना ही किसी को कम चाहिए।
ज़िंदगी में लोग दर्द के सिवा दे भी क्या सकते हैं
मरने के बाद दो गज़ कफ़न देते हैं वो भी रो रो कर
ले दे के अपने पास फ़क़त एक नजर तो है,
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नजर से हम।
चुपचाप गुज़ार देंगे तेरे बिना भी ये जिन्दगी,
लोगो को सिखा देंगे मुहब्बत ऐसे भी होती हैं
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोचने में ही गुज़ार दी…
जिन्दगी देने वाले मुझे मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये।
ज़िन्दगी जिसको तेरा प्यार मिला वो जाने
हम तो नाकाम ही रहे चाहने वालों की तरह
कभी जो जिंदगी में थक जाओ,
तो किसी को कानो कान खबर भी न होने देना,
क्योंकि लोग टूटी हुई इमारतों की ईंट तक उठा कर ले जाते हैं।
क्या बेचकर हम खरीदे फुर्सत ए जिंदगी,
सब कुछ तो गिरवी पड़ा है,
ज़िम्मेदारी के बाजार में।
जिंदगी में एक बात तो तय है,
कि तय कुछ भी नहीं है।
मालूम है मुझे वो ना मेरी थी ना कभी होगी
बस इक शौक था उसके पीछे जिदंगी बर्बाद करने की
जिंदगी हो या व्हाट्सएप,
लोग सिर्फ स्टेटस देखते हैं
जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है !
सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है
जिन्दगी शायरी हिंदी
आराम से तन्हा कट रही थी तो अच्छी थी,
ज़िन्दगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी।
मुझे पतझड़ की कहानियां सुना के उदास न कर ऐ-जिंदगी….
नए मौसम का पता बता,जो गुज़र गया वो गुज़र गया !!
ये जिंदगी है या कोई पहेली कुछ समझ नही आता
कभी गम में हंसते हैं तो कभी खुशी में रोते है
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं
जो पूरी उम्र याद रहता है
जीवन का सबसे बड़ा गुरु वक्त होता है।
क्योंकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सीखा सकता।
जिन्दगी की जिम्मेदारियों ने कम कर दी हमारी शरारते
और लोग समझते हैं कि हम समझदार हो गये
यूँ तो ऐ जिन्दगी तेरे सफ़र से शिकायते बहुत थी,
मगर दर्द जब दर्ज कराने पँहुचे तो कतारे बहुत थी।
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा
कल घर से निकले थे, माँ के हाथो के बने पराठे खा कर…
आज सड़क किनारे चाय तलाश रही है जिंदगी.
समझ ना आया ऐ जिंदगी तेरा ये फलसफा,
एक तरफ कहती है सबर का फल मीठा होता है
और दूसरी तरफ कहती है वक़्त किसी का इंतजार नही करता
कुछ इस तरह मैंने ज़िन्दगी को आसान कर लिया
किसी से मांग ली माफ़ किसी को माफ़ कर दिया
कितना और बदलूं खुद को ज़िन्दगी जीने के लिए,
ऐ ज़िन्दगी, मुझको थोड़ा सा मुझमें बाकी रहने दे।
माना कि बहुत कीमती हूँ मैं इन दुनिया वालों के लिए
पर चंद लम्हों से ज़्यादा कोई ना रोयेगा मेरे गुज़र जाने के बाद
जो लम्हा साथ है उसे जी भर के जी लेना,
ये कम्बख्त जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है।
मेरी यह ज़िन्दगी है कि मरना पड़ा मुझे,
एक और ज़िन्दगी की तमन्ना लिए हुए।
काश नासमझी में ही बीत जाए ये ज़िन्दगी
समझदारी ने तो बहुत कुछ छीन लिया
धूप में निकलो, घटाओं में नहाकर देखो,
ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटाकर देखो।
– निदा फ़ाज़ली
दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं
बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं
जिन्दगी शायरी इन हिंदी
हासिल-ए-ज़िन्दगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं।
लोग मौत को तो युही बदनाम करते है,
तकलीफ़ तो जिन्द्गी देती है
ज़िन्दगी कबकी खामोश हो गयी,
दिल तो बस आदतन धड़कता है
जब कुछ सेकंड की मुस्कराहट से तस्वीर अच्छी आ सकती है,
तो हमेशा मुस्कुरा के जीने से ज़िन्दगी अच्छी क्यू नहीं हो सकती
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।
जिन्दगी तो बस बिता दी हमने वहीँ
जहाँ चार कदम तेरे संग चले थे
ज़िंदगी का हर वो रंग दिलकश लगता है,
जो आपके प्यार में हम’पर चढ़ता है
शिकायतें कम किया कीजिए जनाब
आप जो जिंदगी जी रहे हो
वो जिंदगी भी किसी के लिए सपना है
ज़िन्दगी उस अजनबी मोड़ पर ले आई है,
तुम चुप हो मुझसे और मैं चुप हूँ सबसे।
छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िन्दगी इतना बता कितना सफर बाकी है।
जहाँ-जहाँ कोई ठोकर है मेरी किस्मत में,
वहीं-वहीं लिए फिरती है मेरी ज़िन्दगी मुझको।
जब नादान थे तो जिंदगी के मजे लेते थे
समझदार हुये तो जिंदगी मजे ले रही है
जिन्द्गी के कुछ और पैमाने तय करो
बस जी लेना ही ज़िन्दगी नहीं
में भी मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का ए ज़िन्दगी…
तू जहा मुझसे कहेगी, में वही उतर जाऊंगा.
आँखों में आंसू होंठों पे मुस्कान
वाह रे ज़िन्दगी
यही तो है तेरी पहचान
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- Zindagi Shayari in Hindi 2 Line
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