2 लाइन ख्वाहिश शायरी | Khwahish Shayari in Hindi
ख्वाहिश शायरी, 2 Line Khwahish shayari in Hindi के इस पोस्ट में आपको ख्वाहिशों पर शायरी पढने को मिलेंगे। इंसान की ख्वाहिशों की लिस्ट कभी छोटी नही होती। कुछ ख्वाहिशें ऐसी होती हैं जो इंसान के जीना का मकसद बन जाती हैं तो कुछ ख्वाब ऐसे होते हैं जिनके पीछे भागते-भागते उम्र तमाम हो जाती है।
हर इंसान यहाँ ख्वाहिशों के पीछ भाग रहा है, कुछ पूरी हो भी जाएँ तो उनकी जगह नही ख्वाहिशे पैदा हो जाती हैं। किसी शायर ने क्या खूब कहा है “मेरी ख्वाहिशें मुझे जीने नही देती और मैं उन्हें मरने नही देता“।
2 लाइन ख्वाहिश शायरी
एक अजीब रिश्ता है मेरे और ख्वाहिशों के दरमियां
वो मुझे जीने नहीं देती और में उन्हें मरने नहीं देता
हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले
कुछ ख्वाहिशें है अधूरी, कुछ अधूरे से हम
वक्त बीता उम्र बीती, ना ख्वाहिशें हो सकी पूरी
ना पूरे हुए हम.
ख्वाहिशों का क्या है वह हर वक्त मचलती रहती है
मजा तो तब है जब तुम आओ और वो पूरी हो जाए
कुछ यूँ बिखरी पड़ी है मेरी ख्वाहिशें जैसे सितारे,
ना जाने क्यों पर अपने भी अब हमें नही लगते हमारे.
उम्र बड़ी लम्बी होती है मोहब्बत की,
हमने सारी उम्र उनकी ख्वाहिश में गुजार दी
ख्वाहिश नहीं है कि टूट कर चाहो तुम मुझे,
ख्वाहिश बस इतनी है कि टूटने न देना मुझे.
ख्वाहिशों के बाजार सस्ते होते है,
गरीब मुस्कुराहट यूँ ही खरीद लेते है.
ज़िन्दगी तो पूरी कट जाती है पर
कुछ ख्वाहिशें अधूरी ही दम तोड़ देती है
ख्वाहिशों से भरा पड़ा है घर इस कदर
गुलज़ार
रिश्ते जरा सी जगह को तरसते हैं
हजार ख्वाहिशें हमने एक साथ तौल कर देखी
उफ्फ तेरी ये चाहत फिर भी सब पर भारी निकली
Khwahish Shayari in Hindi
कुछ मुकदमे दायर होने चाहिए हम पर भी
अपनी ख्वाहिशों का कत्ल किए बैठे हैं हम
ख्वाहिश तो बस अब यही है आंख खुले
तो तेरा साथ हो
आंखे अगर बन्द हो तो तेरा ही ख्वाब हो
छोटे थे तब हर ख्वाहिश ख़ुशी में बदल जाती थी,
बड़े हुए तबसे हर ख्वाहिश दर्द ही देती है
ज़ख्म बहुत गहरे थे फिर भी मुस्कराते रहे हम
हर पल ख्वाहिशें पूरी करने को मरते रहे हम
जख्म बहुत मिले पर हँसते रहे हम,
ख्वाहिश पूरी करने को मरते रहे हम.
मेरे अपनों के चेहरे पर उदासी न आ जाएँ,
मैंने कुछ ख्वाहिशों को दिल में दफन कर दिया
तकदीर का ही खेल है सब
पर ख्वाहिशें है की समझती ही नहीं
कोशिशों के बाद भी जो मुकम्मल ना हो सके
तेरा नाम भी उन्हीं ख्वाहिशों में शामिल है
मुझे मालूम है कि ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशें अधूरी हैं
पर जिंदा रहने के लिए गलतफहमियां भी जरूरी हैं
पूरी जिन्दगी न जाने मैं क्या चाहता रहा,
कुछ अधूरी ख्वाहिशों को मैं पालता रहा
एक ख्वाहिश है मेरी, लम्बी सड़क, हल्की बारिश,
बहुत सारी बातें, और बस हम और तुम
ज़िन्दगी ने मेरे मर्ज का एक कारगर इलाज बताया
वक़्त को दवा कहा और ख्वाहिशो का परहेज़ बताया
Khwahish Shayari 2 Line
मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछो
उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और तराशा जाये.!!
अब तो नहीं कोई ख्वाहिश लेकिन
जब कोई पूछता है तेरी आखिरी ख्वाहिश क्या है
तो मेरी जुबा पर तेरा ही नाम आता है।
छोटी छोटी खुशियाँ ही जीने का सहारा बनती है
ख्वाहिशों का क्या है वह तो हर पल बदलती रहती है
कहने को दिल में तो बहुत से बाते हैं,
मुख़्तसर लफ़्ज़ों में मेरी आखरी ख्वाहिश हो तुम
ये ख्वाहिश कभी मेरी अधूरी ना रहे
हम दोनों मैं कभी दूरी ना रहे
ख्वाहिशें कुछ कुछ यूँ भी अधूरी रही,
पहले उम्र नही थी, अब उम्र नही रही
चहरे पर कभी उदासी ना रहे तुम्हारी
इसलये कुछ ख्वाहिशें मैंने अपने दिल मे दफना दिए
चाहे दुनिया कितनी भी खिलाफ हो
ख्वाहिश है मेरी हमेशा तुम मेरे साथ हो
रस्सी जैसी जिंदगी तने तने हालात
एक सिरे पर ख्वाहिश है दूसरे पर औकात
ख्वाहिश तो थी इश्क़ के दरिया में उतरने की,
पर हिम्मत न जुटा सका खुद को बर्बाद करने की
मेंरी हर ख्वाहिश पूरी हो गई
जब से वो मेरी हो गयी
ख़्वाहिश ये नहीं की तारीफ़ हर कोई करे
कोशिश ये ज़रूर है की कोई बुरा ना कहे
उम्र भारी है पर ख्वाहिशे सारी है
ख्वाहिशो के आगे अक्सर उमर हारी है
मन ख्वाहिशों में अटका रहा
और जिंदगी हमें जी कर चली गई
आपको ये ख्वाहिश शायरी कैसी लगी हमें जरुर बताएं।
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